प्रेम दो दिलो का - 5

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रमा के परो को जैसे उड़ान मिल गयी हो और वह उडने लगी हो जैसे वह उसकी बात कर रहा है । निर्मल दुबारा पूछता है कि नीरू मेरे बारे मे कोई बात ना करती है । रमा ने कहा की करती तो है पर ये बात तुम क्यो पुछ रहे हो । निर्मल हिचकिचते हुए कहा बस ऐसे ही पुछ नही सकता ।रमा बोली गुस्से से कह रही थी कि निर्मल ने उसकी बहुत देख भाल की और तुम उसे पढ़ाने भी जाते हो । निर्मल हस्ते हुए बोला हाँ जाता हूँ । रमा उसकी तरफ क्या पढाते हो