दो बाल्टी पानी - 14

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मिश्राइन की बाल्टी में बाल मिलते ही गांव में जैसे भूचाल आ गया, ऐसा लग रहा था कि बाल्टी में बाल नहीं कोई बम मिल गया हो | आज दोपहर के 12:00 बज रहे थे लेकिन नल पर कोई नहीं दिख रहा था, कुछ घरों में तो चूल्हा भी नहीं जला था और हर तरफ बस नल से निकले बालों की चर्चा हो रही थी |मिश्राइन तो सुबह से बुखार में ऐसे बिस्तर पर पड़ी थी मानो उन्होंने कोई चुड़ैल देख ली हो, नंदू मां के सिरहाने बैठकर मां के माथे पर पानी की पट्टी रख रहा था और चारपाई