प्रेम दो दिलो का - 4

  • 6.7k
  • 3.1k

निर्मल को उस दिन नीरू को देखना ऐसा लगा जैसे निर्मल ने उसे अपनी आँखो से छु लीया हो। पूरा दिन नीरू यह सोचती रही की वो क्या था जो निर्मल की आँखो मे देखा वो क्या था । यह बात वह निर्मल से पूछेगी की वो इस तरह से क्यो देखता है । ये बात अब नीरू को भी लगने लगा की क्या निर्मल उससे प्यार करता है या सिर्फ उसे देख लेता है ।अब दोनो की हालत एक जैसी है सोचने वाली बात ये है कि तब नीरू कहती क्यो नही है निर्मल से की वह भी वही