बैकुंठ के दर्शन ।

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मुझे अच्छी तरह से याद है ,मैं रात पढ़ते -पढ़ते सो गया था । मेरे दोंनो हाथ मेरे सीने पर रखे हुए थे । उससे पहले मैं कोई सस्पेंस नॉवेल पढ़ रहा था । ठंड का मौसम था ,बाहर गली में दूर किसी छोटे कुत्ते के किकयाने की आवाज कानों में पड़ रही थी ।निसंदेह वो आवाज दूर से आरही थी पर उसे सुनकर मेरा प्यारा कुत्ता टॉमी भी न जाने क्योंभौंकने लगा था ?मैंने उसे गुस्से से डाँटा और करवट बदल करलेट गया । रात का दूसरा पहर बीत चुका था जब मैं नींद के आगोश में गया । नींद