लाईट हाउस...

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लाईट हाउस... पूजा करने के बाद समय काटने के लिए सविता जी एक पत्रिका लेकर बाहर ड्राइंग रूम में आकर सोफे पर बैठ गई। पढ़ने से अधिक अच्छा तरीका दूसरा नहीं होता है समय काटने का और उन्हें तो वैसे भी किताबें पढ़े बिना चैन नहीं पड़ता। रमा आकर टेबल पर चाय रख गई। बिना बोले ही सब समझ जाती है रमा। जब काम पर रखा था तब दो दिन बस उसे काम बताना पड़ा, तीसरे दिन से तो वह सब कुछ बिना बताए ही ठीक से करने लगी। "बेबी के लिए क्या बनाना है आज?" रमा ने पूछा। "अभी