बेटी - भाग-२

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कॉलेज से आने के बाद मेरा नौकरी ढूंढने का सिलसिला शुरू हो गया | जितनी जल्दी नौकरी मिलती उतनी ही जल्दी छूट जाती थी | यह सिलसिला बंद होने का नाम ही नहीं ले रहा था | एक दिन जब मैं अपनी छठी नौकरी छोड़ कर घर आई तो उस समय पिता जी ऑफिस से आकर चाय पी रहे थे | उन्होंने मेरा झुका और परेशान चेहरा देख कर ही अंदाजा लगा लिया था कि मैं आज फिर से नौकरी छोड़ कर आई हूँ | मैं पानी पी कर अपने कमरे की ओर जाने ही लगी थी कि वह बोले