जी-मेल एक्सप्रेस - 35 - अंतिम भाग

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जी-मेल एक्सप्रेस अलका सिन्हा 35. सवाल-दर-सवाल “घर पर किसी ने महंगे तोहफों के बारे में आपसे कुछ पूछताछ नहीं की?” मधुकर के इस सवाल पर चरित कुछ पल को खामोश हो गया। चेहरे पर आड़ी-तिरछी रेखाएं उभर आईँ। “मेरे पिता की जिंदगी उनके ऑफिस तक केंद्रित थी। अफसर बनने की लालसा लिए-लिए ही वे रिटायर हो गए,” चरित का जवाब मधुकर के सवाल से सीधे-सीधे तो नहीं जुड़ता था, मगर उसके भीतर का आक्रोश जरूर इस सवाल के साथ जुड़ा था, “मेरी तरफ उनका ध्यान गया ही नहीं कभी, वे तो हर बात में मुझे नाकारा साबित करने में लगे