कहानी किससे ये कहें! - 1

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कहानी किससे ये कहें! नीला प्रसाद (1) 31 अगस्त 1991. सुबह-सुबह आसमान में छाए घने काले बादल इंगित कर रहे हैं कि किसी भी क्षण वर्षा शुरू हो जा सकती है। लगभग साढ़े तीन दशक लंबी नौकरी के बाद आज मिसेज़ उमा चन्द्र रिटायर हो रही हैं। सुबह की चाय पीती हुई सोच रही हैं वे कि बाहर भले बरसात हो जाए, उनके अंदर सालों से उमड़-घुमड़ रहा बहुत कुछ तो शायद आज भी बिन बरसे ही रह जाएगा! ऑफिस के अपने आखिरी भाषण में वे कुछ कहने को दद्यत होंगी कि उनके अंदर का महाप्रबंधक उन्हें रोक देगा हमेशा