कर्म पथ पर - 24

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कर्म पथ पर Chapter 24माधुरी जब घर लौटी तो परेशान व बुझी बुझी थी। संतोषी उसे इस हाल में देखकर घबरा गई।"क्या हुआ बिटिया ? तू इतनी परेशान क्यों हैं। तुम तो अपने बाबूजी के साथ गई थी। अकेली क्यों आईं ? कहाँ हैं तुम्हारे बाबूजी ?"माधुरी ज़ोर ज़ोर से रोने लगी। संतोषी बुरी तरह डर गई। उसे लगा कि शायद उसके पति के साथ कोई दुर्घटना हो गई है।"माधुरी सच सच बताओ। तुम्हारे बाबूजी