दरमियाना भाग - २८ इस बीच वख्त कुछ और गुजर गया। यहाँ कुछ अन्य पत्रकार साथियों से भी मेरा परिचय हो गया था। उन्हीं में से एक साथी सुधीर वर्मा से मैंने एक दिन दयारानी के बारे में ज़िक्र किया, तो उन्होंने बताया कि हाँ वे दयारानी का घर जानते हैं और मेरे साथ चलने के लिए तैयार भी हैं। सो, उन्हीं के साथ एक दिन चलना तय किया गया। उन्होंने ही फोन पर मिलने का समय भी निश्चित कर लिया गया था। हम उन्हीं के वाहन से वहाँ गये थे। एक मध्यवर्गीय स्तर का दुमंजिला घर था। घर की