जी-मेल एक्सप्रेस अलका सिन्हा 31. नीली डायरी और सरप्राइज़ पार्टी मैं अचानक ही महसूस करने लगा हूं कि मैं जो चाहता हूं, जिस तरह चाहता हूं, हू-ब-हू वैसा ही हो जाता है। घर के छोटे-छोटे मामलों में भी विनीता का ही निर्णय सर्वमान्य होता था। आज इतने महत्वपूर्ण मौके पर उसका इस तरह समर्पण करना और अभिषेक को एअर फोर्स में भेजने के लिए राजी हो जाना लगभग असंभव-सा काम था, मगर संभव हो गया। हालांकि मैं जानता हूं कि विनीता मूल रूप से फौजी जिंदगी के प्रति अत्यंत संवेदनशील है और यह संवेदनशीलता उसके जुड़ाव के कारण है, न