चौधरी रामलाल की जीप कच्ची पगडंडी से होती हुई शहर को जानेवाली मुख्य सड़क पर पहुंचकर तूफानी गति से शहर की ओर सरपट भागी जा रही थी । अमर के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ़ दिखाई पड़ रही थीं हालाँकि वह एक मजबूत इरादे और हौसले वाला युवक था । खुद इतना घायल होने के बावजूद उसे अपनी रत्ती भर भी फ़िक्र नहीं थी ।थोड़ी देर की ख़ामोशी के बाद चौधरी साहब ने ही पहल की ” बेटा ! क्या नाम है तुम्हारा ? ”” अमर ” अमर ने जवाब दिया ” राजापुर के नजदीक ही एक गाँव है