लावण्या एक विजेता

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लावण्या एक विजेता उस दिन लावण्या मैडम जी ने अपने अंगरक्षक बलदेव को अपने घर उसका हिसाब चुकता करने के लिए बुलाया था । उसके अंदर आने पर मैडम जी ने दरवाजा बंद करने के लिए कह कर उसे अपने सामने वाली कुर्सी पर बैठने का इशारा किया और अपनी जिज्ञासा शांत करने के प्रयोजन से पूछा था, “परंतु बलदेव ये सब हुआ कैसे था अब बताओ।“ बलदेव ने धीमी आवाज़ में बताना शुरू किया, “कुछ भी नहीं मैडम जी हम तो आधी रात को चुपचाप बड़े जतन से उनका मुंह बंद करके बिना किसी रौल - रुक्का के उन्हें