अथ मोबाइल कथा धूलिया चादर ओढ़े हुए, घुटनों चलते इस कस्बे का उतावलापन गजब है। ये छोटा सा बस-स्टेण्ड, यही इस का मैन बाजार भी है और इसी के सीने से ठस-ठुंस कर आगे के मझोले शहरों की सड़क निकलती है।सड़क के दोनों तरफ के फुटपाथ चाय के डिस्पोजेबल कपों और पान मसाले की सुंदर-सुंदर पन्नियों से ढंके हैं और दुकानों के बाहर निकला सामान भी उन्हीं के बीच जगह बना कर बैठा है। रेशम से कढ़ी और सस्ते सितारों से जड़ी लाल, पीली, केसरिया ओढ़नियाँ, किफायती, टिकाऊ और चटख साड़ियां, नायलॉन के सलवार-कमीज के कपड़े, फ्रॉकें, किफायती जीन्स, टी