कुछ का लिखा कभी आपको चकित तो कभी आपको विस्मृत करता है। कभी किसी की लेखनशैली तो कभी किसी की धाराप्रवाह भाषा आपको अपनी तरफ खींचती है। किसी की किस्सागोई पर पकड़ से आप प्रभावित होते हैं तो किसी की रचनाधर्मिता के आप कायल हो उठते हैं। कभी किसी का अनूठे ट्रीटमेंट तो कभी किसी की कसी हुई बुनावट आप पर अपना असर छोड़ जाती है। अगर अपने समकालीन रचनाकारों के लेखन पर हम नज़र दौड़ाएँ तो उपरोक्त दिए गए गुणों में से अधिकांश पर हमारे समय की चर्चित रचनाकार गीताश्री जी भी खरी उतरती हैं। उनकी लेखनशैली में उनकी किस्सागोई,