बच्चों को सुनाएँ – 8- “लॉकडाउन मन की उड़ान” आर० के० लाल कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर दिया तो सभी लोग अपने अपने घरों में कैद हो गए । आजकल के फ्लैट में जगह ही कितनी होती है। तीन दिनों में ही इतनी कम जगह में पूरे परिवार सहित रहने में सभी का दम घुटने लगा और वे ऊबने लगे । सभी परेशान थे कि छोटे बच्चों को कैसे संभाला जाए । बारह वर्षीय स्वप्निल भी इसी में से एक था। उसके स्कूल बंद हो गए थे। शुरू में तो उसे लगा