उधड़ा हुआ स्वेटर - 3

  • 7.4k
  • 1.7k

उधड़ा हुआ स्वेटर सुधा अरोड़ा (3) एक बेटी माँ कहती है दूसरी ‘मॉम‘, और दोनों उस पर जान छिड़कती हैं. फिर भी शिवा बादलों के साये से बाहर नहीं आ पाती. बीता हुआ वक्त सामने अड़कर खड़ा हो जाता है. शिवा ने चाहा आज वह खुलकर मुस्कुरा ले. ‘थैंक्यू’ - उसने बेटी का माथा चूमा और कमरे में सोने चली गई. अगले रोज वह पार्क में गई तो बूढ़ा नियत जगह पर पहले से ही बैठा था. शिवा पास गई तो वह एक ओर सरक कर उसके बैठने की जगह बनाने लगा. शिवा ने कहा- ‘‘पहले चक्कर लगा आऊँ.’’ ‘‘आज