हर्ज़ाना - 3

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हर्ज़ाना अंजली देशपांडे (3) “सर, कल इधर थे, आज उधर हो गए, दोनों जहाँ लूट रहे हैं आप,” भोपाल के बार काउन्सिल के अध्यक्ष विकास गुप्ता ने कहा. उनका मन किया गुलदस्ता मसल दें. उसे उन्होंने टैक्सी में ही छोड़ दिया. जहान्नुमा होटल में मैनेजर खुद उनके आवभगत के लिए दरवाज़े पर खड़े मिले. जितनी इज्ज़त से उन्हें होटल में कमरे तक पहुंचाया गया साफ़ था हवा में उनके ही नाम की फुसफुसाहट थी. कमरे में गुलदस्ता कुछ ज्यादा ही बड़ा था. दोपहर का खाना भी वे ठीक से कर नहीं पाए. कई पत्रकारों ने साक्षात्कार के लिए फ़ोन किये.