उधड़ा हुआ स्वेटर - 2

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उधड़ा हुआ स्वेटर सुधा अरोड़ा (2) ‘‘ओह!’’ बूढ़े ने अकबकाकर सिर हिलाया- हैरानी में और उससे ज्यादा घबराहट में. यह औरत झूठ भी तो बोल सकती थी. लेकिन सच है, उसने सोचा, ऐसे खुलासे अजनबियों के सामने यकायक हो उठते हैं. ‘‘आप जो प्राणायाम करती हैं न उसमें एक एडीशन करता हूँ.’’ बूढ़े ने ऐसे इत्मीनान से कहा जैसे औरत के अपनी ज़िंदगी के खुलासे को उसने तवज्जो दी ही नहीं. ‘‘देखिये, ओssम् तो आप करती ही हैं, उसके पहले का हरी ई ई ई ..... खींचकर उसी अंदाज़ में करिए! इससे वायब्रेशंस यहाँ ब्रह्मतालू पर होते हैं जहाँ छोटे