रात का सूरजमुखी - 9

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रात का सूरजमुखी अध्याय 9 बापू घबराया हुआ चेहरा लिए पीछे को हुआ "इंस्पेक्टर----शांता की हत्या मैंने नहीं की।" इंस्पेक्टर मुस्कुराया। "बापू तुम झूठ बोल कर बच नहीं सकते। शांता ने मरने के पहले बयान में सब कुछ बता दिया है। सुबह 9:30 बजे के करीब काम पर जाने के लिए जब वह बस स्टॉप पर इंतजार कर रही थी आप शांता को अपनी कार में बैठाकर बेसन नगर के बीच में थे----एक खाली पेपर पर हस्ताक्षर करने को कह कर आपने उसे धमकाया-----उसके मना करने पर उस पर चाकू से वार किया जब शांता बेहोश होकर गिर गई तो