रात का सूरजमुखी अध्याय 3 स्वर्गम कॉटेज। पेड़ों के बीच में छोटे-छोटे झोपड़ी नुमा कॉटेज दिखे। उससे थोड़ी दूरी पर नीला समुद्र था। कार जाकर खड़ी हुई। "राघव----" "अप्पा !" "मैं और कल्पना कार में ही बैठते हैं। तुम, बापू और उस लड़की को लेकर अंदर जाकर पूछताछ करके आ जाओ।" राघवन ने सिर हिलाया। राघवन कॉटेज के स्वागत कक्ष की तरफ जाने लगा तो बापू और शांता उसके पीछे-पीछे चले। कुछ कदम चलते ही स्वागत कक्ष आ गया। स्वागत कक्ष में टेलीफोन पर बात कर रहा युवक टाई पहने हुए था। वे उसके पास गए। उसने जल्दी बात खत्म कर