पी.के. - 3

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पी.के. (3) पीके उन दिनों हाई स्कूल था और उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड से प्राइवेट इंटरमीडिएट कर रहा था. वही नहीं नबारिया भी हाई स्कूल ही था और वह भी पीके के साथ प्राइवेट परीक्षा की तैयारी कर रहा था. इस प्रकार पीके की पत्नी और वे दोनों परीक्षार्थी थे. पीके उससे पहले तीन बार प्रयास कर चुका था और असफल रहा था. वह उसका चौथा अवसर था. “विनोद बाबू, इंटर होता तब मैं आज जूनियर अटेण्डेण्ट नहीं होता. मैं भी सीनियर हो चुका होता----.” यह कहते हुए पीके के चेहरे पर मायूसी उभर आयी थी. “इंटरमीडिएट करना इतना कठिन