कर्म पथ पर - 13

  • 6.5k
  • 2.1k

कर्म पथ पर Chapter 13मदन से मिलने के बाद से जय और भी बेचैन हो गया था। मन में उथल पुथल मची थी। इतना सब कुछ होने के बाद भी क्या वृंदा उस पर विश्वास करेगी। यदि उसने मिलने से मना कर दिया तो क्या होगा।दरअसल जय की उलझन का कारण यह नहीं था कि वृंदा क्या निर्णय लेगी। वह तो अपने मन को ही नहीं समझ पा रहा था। आखिर क्यों उसका मन इस तरह वृंदा की