बाबुल मोरा.... ज़किया ज़ुबैरी (1) “मां मैने कह दिया, मैं यह घर नहीं छोड़ूंगी।” “क्यों नहीं छोड़ेगी और कैसे नहीं छोड़ेगी..?” “क्योंकि यह मेरा भी घर है।” “यह किसने कह दिया तुझ से..?” “यह मेरे डैड का घर है..!”“मैं तुझे यहां नहीं रहने दूंगी क्योंकि तू फ़िल के साथ नहीं रहने को तैयार है।” “मैं क्यों रहूँ उसके साथ..? अब तो तुम्हें भी उस तीन साल जेल काटे हुए अपराधी को घर में नहीं आने देना चाहिए।” “लिसा यह मुझसे नहीं होगा।” “क्यों नहीं होगा? क्या मैं तुम्हारी बेटी नहीं हूँ..?” “तूं 18 वर्ष की हो गई है, क्यों नहीं