जी-मेल एक्सप्रेस अलका सिन्हा 19. ‘पैसिव पार्टनर’ नहीं, ‘एक्टिव प्लेयर’ ‘‘मिस्टर त्रिपाठी!’’ पूर्णिमा कुछ हड़बड़ाई-सी सामने खड़ी थी। उसे मैडम से किसी अर्जेंट फाइल पर साइन लेने थे। उसे कोई विश्वसनीय व्यक्ति चाहिए था जो यह काम करा लाता। मैडम अपना फोन नहीं उठा रहीं, मगर वह जानती है कि इस वक्त मैडम कहां होंगी। मैं सीलबंद फाइल लिए गाड़ी में बैठ गया। ड्राइवर रास्ता जानता है, इसलिए मुझे अधिक चौकस रहने की जरूरत नहीं है। गाड़ी मेन रोड से भीतर की सड़क पर उतर आई है... अंदर गलियों-गलियों घूम रही है। खीज आती है मुझे खुद पर... क्या समझते