दरमियाना - 15

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दरमियाना भाग - १५ मैं ऊपर चला आया था। सुनंदा के कमरे में। दालान और बाकी घर पर मैं एक निगाह डालना चाहता था, मगर संकोचवश मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। हाँ, सुनंदा के आने तक मैंने उसके कमरे का मुआयना जरूर कर डाला था।... कमरा क्या था, बमुश्किल उसे तरह-तरह की चीजों से सँवारने की कोशिश की गर्इ थी। गेट पर नकली सीपियों की झालर को वंदनवार की शक्ल में लटकाया गया था। कमरे के दायीं तरफ एक दीवान सलीके से बिछाया गया था। उसके सामने चार छोटी कुर्सियों के बीच एक छोटी-सी मेज। दीवान के ठीक सामने एक