नई चेतना - 6

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अमर घर से निकल तो पड़ा था लेकिन उसे खुद ही पता नहीं था उसे जाना कहाँ है करना क्या है ? बस वह चला जा रहा था । तेज तेज कदमों से। बिना रुके चला जा रहा था । वह जल्द से जल्द उस घर से उस गली से उस गाँव से दूर निकल जाना चाहता था , जहां उसकी धनिया के साथ अन्याय हुआ था ।अमर की नज़रों में यह अन्याय ही नहीं बहुत बड़ा अन्याय हुआ था । ‘ क्या उनके साथ ऐसा किया जाना चाहिए था ? वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि मैंने उससे शादी करने