पुस्तक समीक्षा - 6

  • 27.1k
  • 5.6k

विनय कुमार सिंघल की कवितायेँ याने हंसती है मेरी कवितायेँ एक माँ की तरह यशवंत कोठारी हिंदी अंग्रेजी,गणित ,ज्योतिष,पत्रकारिता, वकालत आदि विषयों के ज्ञाता विनय कुमार सिंघल जी से फेस बुक पर मित्रता हुईं ,फिर फोन पर चर्चा ,फिर विचारो का आदान प्रदान और एक दिन उन्होंने अपने सुपुत्र के हाथो अपने ताज़ा कविता संकलन भेजे.इन कविताओं से गुजरना एक देविक अनुभव रहा.वे साहित्य से इतर क्षेत्र में काम करते हैं,मगर उनको कविता की गहरी समझ है.इन कविताओं में कला ,पर्यावरण है,पोराणिक कथाओं पर विचार है.गजलों में भी कवि ने नयी जमीन तोड़ी है. कवि का प्रथम संकलन निशिता