मन की सेहत भी संभालें शरीर की तरह ही मन को भी बीमारियाँ, थकान और भावनात्मक टूटन तभी घेरती है जब समय-समय पर उसकी संभाल नहीं होती | ऐसे में मन की मरम्मत करने के लिए नेगेटिविटी और उलझनों को कोने-कोने से निकाल बाहर करना जरूरी है | चिंता, अवसाद, क्रोध और कितने ही नेगेटिव इमोशंस को जड़ जमाने से पहले ही उखाड़ फेंकना होता है | जैसे अनियमित खानपान और बेतरतीब जीवनशैली से बिगड़े शरीर के मिजाज को ठीक करने के लिए बॉडी को डिटॉक्स करने की जरूरत होती है| वैसे ही मन को भी डिटॉक्सिफिकेशन की दरकार होती