सवाल उसे अपना बीता कल याद आ रहा था जब लोग उसके भाग्य से ईर्ष्या करते थे। शादी के बाद वह बड़े-बड़े बंगलों में रही ,उसके पति दीपक बड़े सरकारी अफसर जो थे।इसलिए जहाँ भी ट्रांसफर होकर गये,बड़े बंगले और नौकर चाकर मिलते रहे लेकिन अब जिन्दगी के अंतिम पड़ाव पर उसे यह दस बाय दस का छोटा सा कमरा भी बड़ा लगने लगा है क्योंकि न तो कोई ख्वाहिश शेष बची है और न ही कोई उमंग !धीरे धीरे सारे नाते-रिश्ते भी बेगाने से लगने लगे हैं। वह कितनी हँस मुख, खुशमिजाज,वाचाल और मिलनसार थी लेकिन आज के हालात