किसी भारतीय लेखक की किताब की अगर एक बार में ही 10 लाख प्रतियां प्रिंट में चली जाएँ और उसके बाद धड़ाधड़ वो बिक भी जाएँ तो यकीनन इसे चमत्कार ही कहेंगे और इस चमत्कार को इस बार भी कर दिखाया है हमारे देश के प्रसिद्ध लेखक अमीश त्रिपाठी जी की किताब "सीता-मिथिला की योद्धा" ने। जो कि राम चंद्र श्रृंखला की उनकी दूसरी किताब है। इससे पहले इसी श्रृंखला की पहली किताब "इक्ष्वाकु के वंशज" भी इसी तरह का धमाल मचा इतिहास रच चुकी है। मूलतः अंग्रेज़ी में लिखी गयी इस किताब का हिंदी में अनुवाद उर्मिला गुप्ता जी ने