शहर सी जिंदगी यू ही भागने में निकलती थी

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सपनों में सोया था एक नए सवेरे के लिएसपने भी आये थे अपने लिए सुबह उठना भी था क्योंकि नॉकरी पर जाना थायोग भी करना था क्योंकि स्वास्थ्य की चिंता थीभरे शहर में दौड़ना था क्योंकि हमको कमाना थासपनो में सोया था नए सवेरे के लिए सुबह उठता था टिफिन लेके भागता था दो टूक की रोटी के लिए भागता थाशहर सी ज़िन्दगी हो गयीउसमे ट्राफिक भी लड़ता था ट्राफिक खुलते ही अपने रास्ते भागते थेक्योंकि ओफिस में समय पर पहुचना था शहर सी ज़िन्दगी यू ही भागने में निकलती थी आज भी ये थी और कल भी ये ही होती थीबस घर से नॉकरी ओर