आखिर कब तक ... ... बडा आदमी

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इस बार सर्दी पिछले सालों की अपेक्षा कुछ ज्यादा थी परन्तु अब सर्दी के आखिरी दिन चल रहे थे इसीलिए मौसम सुहावना था ऑफिस से भी लगातार तीन दिन की छुट्टी जैसे सोने पे सुहागा | एक छुट्टी तो घर पर चाय पकोड़े वगैरह खाते हुए गुजर गई परन्तु अगले दिन मौसम को देखते हुए घर पर बैठे रहना वक़्त की बर्बादी ही महसूस हो रही थी इसीलिए दोपहर के बाद शहर के बाहरी इलाके की तरफ घूमने निकल गए | शहर का बाहरी इलाक़ा अभी पिछले कुछ वर्षों मैं ही समृद्ध हुआ है इसीलिए यहां पर अनदेखा बहुत कुछ