फ़ितरत मासूम सी

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हररोज की तरह रोजमरा की जिंदगी चल रही थी । एक दिन कुछ हल्की सी चिलचिलाहत सुनाई द मेरे आँगन के पास सुबह उठकर मने देखा तो मेरे घर के पास कुते ने 6 बच्चों को जन्म दिया बहुत ही मासूम सी फितरत थी उनकी ,जैसे सुबह का कोमल फूल खिला हो , उनकी रुई जैसी कोमल त्वचा ने मुजे मोहित किया था। जब मैने पास जाके देखा तो बड़ी ही मासूमियत से मुझे अपनी छोटी छोटी मोतियों जैसी आंखों से देखा तब मुझे उन्हें देखकर बहुत ही असीम आनंद मिला मेने एक बाउल में।थोड़ा दूध लेके उसे पिलाया सभीने