मूक प्रेम (कहानी) आज लगभग एक साल हो गया उसको देखते हुए वह प्रति दिन प्रातः काल ठीक आठ चालीस पर उसके घर के सामने से गुजरता था कुछ देर रूकता उसे देखता फिर लाठी ठक ठकाता हुआ चल देता । कौन कहता है बुढापे में भावनाएं मर जाती है । मेरे साथ वाले घर में एक यही कोई सत्तर पिच्चहत्तर साल की एक बूढ़ी माँ अकेली रहती थी। पति की मृत्यु हो चुकी थी । बेटा विदेश में अपने परिवार के साथ रहता था। एक बेटी है जो अपने परिवार के साथ मैसूर में रहती है उसका पति किसी