जी-मेल एक्सप्रेस अलका सिन्हा 7. अर्ली प्यूबर्टी दफ्तर में राजनीति होने लगी है। बेचारी पूर्णिमा कितनी तरह से विभाग को ऊपर उठाने की कोशिश करती है और धमेजा उसका पंक्चर कर देता है। सोचता हूं, पूर्णिमा इतनी मिलनसार और हंसमुख है, फिर अपने पति के साथ क्यों नहीं निभा पाई और क्यों उसका घर छोड़कर आ गई? ‘‘ये घर छोड़कर नहीं आई, इसके पति ने ही इसे निकाल बाहर किया।’’ मिसेज विश्वास फुसफुसा रही थी। कोई कैसे किसी की निजी जिंदगी के बारे में इतने भरोसे से कमेंट कर सकता है, पता नहीं। मुझे ऐसी बातों में कभी दिलचस्पी नहीं