जी-मेल एक्सप्रेस अलका सिन्हा 4 - ‘जॉय-स्पॉट’ अचानक मेरा मोबाइल बज उठा। मेरा मोबाइल कम ही बजता है, मैंने लपककर फोन उठाया। कोई अपरिचित नंबर था। “हलो, मेरा नाम रिया है, क्या आप मुझसे दोस्ती करोगे?” कोई नशीली-सी आवाज़ थी। मैं हैरान रह गया, “अरे, मेरा नंबर किसने दिया आपको?” “मुझे पार्टी में जाना, घूमना बहुत पसंद है... क्या आप मुझे अपने साथ पार्टी में ले चलोगे?” मेरे प्रश्न को अनसुना कर उसने अपनी बात जारी रखी। एक पल को तो मैं अकबका गया, फिर समझ आया कि यह तो रिकार्डेड मैसेज है। लेकिन तब भी, यह कितनी हैरानी की