विवेक और 41 मिनिट - 20

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विवेक और 41 मिनिट.......... तमिल लेखक राजेश कुमार हिन्दी अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा संपादक रितु वर्मा अध्याय 20 पुष्पवासन अपने हाथ में रखी पिस्तौल से गोकुलवासन के सिर को मारते हुए हंसा “तुम्हारे सिर की खोपड़ी के अंदर दो गोलियां जाने में 29 मिनिट ही है पुलिस का साइरन सुनाई दे रहा है ना....... तुम्हारी गाड़ी को पूरे शहर में पुलिस छलनी डाल कर ढूंढ रही है बट, ये कार एक पेड़ के पीछे झाड़ियों के बीच खड़ी है उनको पता नहीं चलेगा..........” गोकुलवासन ने घबराये हुए चेहरे से मुड़ कर उसको देखा “जल्दीबाजी करके मुझे