विवेक और 41 मिनिट - 16

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विवेक और 41 मिनिट.......... तमिल लेखक राजेश कुमार हिन्दी अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा संपादक रितु वर्मा अध्याय 16 विवेक ने उरपालर की मूर्ति के पास कार रोक कर नीचे उतर चारों तरफ देखा, थोड़ी दूर पर लाइन से ‘पार्क’ की हुई गाड़ियों में सफ़ेद लांसर अलग से साफ दिखाई दी समुन्द्र के किनारे दस बजे उत्साह से भरे बहुत लोगों की भीड़ होती है समुन्द्र की हवा रह रह कर चल रही थी नारियल मिला शुंडल (साबुत दाल का उबला) मसाला डाली हुई खुशबू आ रही थी फूल बेचने वाली दो लड़कियां चेन्नई तमिल में अपने