योगिनी - 11

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योगिनी 11 सायंवेला में मंदिर के अंदर एवं आसपास झुरमुटों में अंधेरा छा रहा है, परंतु मंदिर की छतरी पर आकाशीय वातावरण से प्रत्यावर्तित होकर पड़ने वाली रवि-किरणें उसे स्वर्णिम आभा प्रदान कर रहीं है। योगी आरती की थाल में रखे दिये की बाती को प्रज्वलित कर थाल को हाथों में उठा रहे हैं। योगिनी मीता एवं भक्तगण प्रणाम मुद्रा ग्रहण कर चुके हैं। फिर एक गोरा व्यक्ति चुपचाप मीता के पीछे आकर प्रणाम मुद्रा में खड़ा हो जाता है। किसी का ध्यान उसकी ओर नहीं जाता है क्योंकि आरती प्रारम्भ हो चुकी है एवं भक्तगण नेत्र मूंदकर शंख-घड़ियाल की