दो अजनबी और वो आवाज़ - 13

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दो अजनबी और वो आवाज़ भाग-13 कुछ देर बाद वहाँ बह रही हवा अपने साथ कुछ पकवानों की महक ले आयी। पोहे जलेबी और गरमा-गरम समोसों की खुशबू ने मेरा सारा ध्यान अपनी और खींच लिया। अब मुझे जोरों की भूख लग रही थी। पास वाली दुकान पर जाकर मैंने एक प्लेट पोहे और कुछ जलेबियों के साथ एक चाय भी खरीद ली। अभी मैं नाश्ते का लुफ़्त उठा ही रही थी कि सहसा मेरा मन किया कितनी खूबसूरत जगह है यह, काश मैं यहाँ हमेशा के लिए बस जाऊँ। तो ज़िंदगी स्वर्ग हो जाये मेरी, पर फिर अपने अतीत