सत्या - 27

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सत्या 27 सत्या का अगले पाँच सालों का सफर हिचकोलों से भरा था. खुशी पढ़ाई-लिखाई, स्कूल की एक्सट्रा करिकुलर ऐक्टिविटि, स्पोर्ट्स, बात-व्यवहार और बाकी सबकुछ में भी अच्छी थी. उसको देखकर सत्या को हमेशा खुशी मिलती थी. लेकिन रोहन ठीक उसका उलटा. पढ़ने में ध्यान नहीं, कुछ पूछो तो जवाब नहीं. हमेशा अपनी ख़याली दुनिया में मगन. उसका व्यवहार समझ में ही नहीं आता था. उसके लिए चिंता बनी ही रहती थी. ज़िंदगी के इन्हीं उतार-चढ़ावों से होकर दो साल का समय बीत गया. शंकर शराब छोड़ने के बाद से बिल्कुल बदल गया था. इस बीच एक खुशख़बरी आई कि