हूक - 2

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हूक (2) तभी माँ ने कहा “ नीरू जल्दी नहा ले अभी तुमसे मिलने कमला और मालती भी आती होंगी सुबह सुबह ही सोना नाउन तुमको देख गई अब जै घर काम पर जायेगी खबर कर देगी बिटिया आई है अब करे भी क्यों न तुम आई ही हो इतने दिनों के बाद बहुत खुश थी अभी आती होगी वो भी “ मै अपने कपड़े ले नहाने चल दी | जैसे ही बाहर आई तो फूला बुआ सामने ही बैठी सरौते से सुपारी काट रही थी,,, उन्हें देख कर मै बहुत खुश हो गई मुझे देखते ही बोली “ इंहा आवा बिट्टी हमरे पास “ लिपटा लिया पास बिठा कर स्नेह से हाथ पकड मेरी बांह सहलाती हुई बोली “ तुम्हें हम सब के तनिको सुधि नहीं आवत रही कसत पथरे का करेज हुई गवा बिटिया एतने बरस बाद सुधि भय ?” मेरी भी आँखे नम हो गई,, “ भला आप सब कैसे भूल सकती हूँ बुआ रघु और मिन्नी के जन्म के बाद उनकी परवरिश, पढ़ाई लिखाई में खुद को जरुर भूल गई पर मायका नहीं भूली माँ और