देस बिराना किस्त तेइस मैं धीरे-धीरे बोलना शुरू करता हूं - इस दर्द की भी बहुत लम्बी कहानी है मालविका जी। समझ में नहीं आ रहा, कहां से शुरू करूं। दरअसल आजतक मैंने किसी को भी अपने बारे में सारे सच नहीं बताये हैं। किसी को एक सच बताया तो किसी दूसरे को उसी सच का