हूक (1) आज मेरी सुबह कुछ जल्दी हो गई कुछ देर बाहर लान में टहलती रही फिर चाय की तलब लग आई अख़बार अभी आया नहीं था, सोचा चाय बना लूँ तब तक आ ही जायेगा, अभी सब सो रहे थे एक कप चाय बना कर मै लान में ही चली आई, अब तक अख़बार आ गया था, उठा कर मै सरसरी निगाह से खास खबरें देखने लगी, हेड लाइंस देखने के बाद पेपर पलटा तो अंदर के पन्ने पर छपी खबर पर निगाह रुक गई धक से हो गया दिल --- यह खबर पढ़ कर दो बरस पहले की