शहर की एक पोश कॉलोनी बाग़ फरजाना में स्थित डॉक्टर के विशाल घर का छोटा सा हिस्सा था यह क्लीनिक जिसे आउट हाउस कह सकते हैं. घर जरूर विशाल था पर कुछ उजाड़-सा लगता था. लॉन का रख-रखाव न होने से जगह-जगह से घास की जगह उभर आए पीली मिट्टी के टुकड़े किसी पैबंद का-सा अहसास दे रहे थे. रंग-रोगन भी अपनी उम्र न जाने कब से पूरी कर चुका था. बहुत सन्नाटा था वहां. रिसेप्शन के नाम पर एक व्यक्ति जो सिर्फ दो मरीज होने के कारण शांत बैठा कभी मुख्य दरवाजे को देखता तो कभी दीवार को.