औघड़ का दान - 10 - अंतिम भाग

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औघड़ का दान प्रदीप श्रीवास्तव भाग-10 जब एक सुबह उसे उबकाई आने लगी। और बाद में चेक कराने पर उसकी प्रिग्नेंसी कंफर्म हो गई। उसने मन ही मन धन्यवाद दिया बाबा को, सीमा को। उसे पूरा यकीन था कि यह छः बार बाबा के पास जाने का परिणाम है। जुल्फी को जब उसने बताया कि वह प्रिग्नेंट हो गई है तो उम्मीद के अनूकूल यही जवाब मिला ‘इस बार बेटा ही होना चाहिए।’ सोफी की नींद, चैन, आराम उसकी इस बात ने अगले चार महिने तक हराम कर दिया। घबराहट, चिंता ने उसका बी.पी. बढ़ा दिया। पहले की तरह उसने