मैं हूँ कैदी नंबर 306 | आखिर मैं कैदी क्यों हूँ ? पहले बता चूका हूँ परन्तु संक्षेप मैं फिर से बता देता हूँ | तकरीबन 2.5 साल पुरानी बात है मेरे शहर मैं एक जुर्म हो गया और पुलिस ने मुल्ज़िम के तौर पर 2 लड़कों को पकड़ा | अगली सुबह कुछ भीड़ के बेकाबू होने के कारण और कुछ पुलिस की निष्किर्यता के कारण पकडे गए लड़कों को भीड़ ने हत्या कर दी | जब मैंने दोनों लड़कों को गौर देखा तो पाया की दोनों लड़के मेरे जानकार थे और जिस समय जुर्म हुआ उस वक़्त मेरे साथ