लुकाछिपी- समीक्षा

  • 4.7k
  • 1.9k

आमतौर पर हम अपने दैनिक जीवन में हर तरह के किरदारों से रूबरू होते हैं। उनमें बच्चे, बूढ़े, प्रौढ़...युवा..हर तरह के लोग शामिल होते हैं और हर किरदार अपनी तय मनोस्थिति के हिसाब से कार्य करता है। इसमें अगर नायक अपनी सौम्यता, चपलता, सज्जनता एवं चंचलता के साथ प्रस्तुत हो धमाल कर रहे होते हैं तो पूरे मनोयोग के साथ ठसकेदार तरीके से खलनायक भी अपने क्रोध, कुंठा, घृणा और लालच के साथ अपनी दमदार अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे होते हैं। ज़्यादातर देखा ये गया गया है कि बड़े चूंकि बड़े होते हैं, इसलिए हर जगह अपना बड़ा वाला