विवेक और 41 मिनिट - 3

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विवेक और 41 मिनिट.......... तमिल लेखक राजेश कुमार हिन्दी अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा संपादक रितु वर्मा अध्याय 3 नाइट गाउन पहन कर सोफ़े में अध लेटे हुए जज सुंदर पांडियन स्टार टी. वी. के समाचारों को ध्यान से सुनते हुए उसी में खोये हुए थे दीवार घड़ी में रात के साढ़े दस बज रहे थे “अप्पा.............” पीछे की तरफ से आवाज सुन वे घूमे उनके लड़के गोकुलवासन और उसकी पत्नी सुभद्रा कमरे के दरवाजे पर दिखाई दिये “आओ........... गोकुल.............! आओ बेटा सुभद्रा............” कह कर सुंदर पांडियन ने रिमोट कंट्रोल से टी. वी. को बंद कर दिया